सन १९५९ में भारत सरकार दारा डा: ह्रदयनाथ कुंजरू की अध्यछ्ता में एक
समिति का आयोजन किया गया | इसका कार्य
सरकार को शारीरिक शिक्षा, मनोरंजन एवं विधार्थी अनुशासन जैसे विषयों पर सुझाव देना
था ; जिससे कि इन विभिन्न विषयों पर उच्च रूप से ध्यान दिया जा सके | इस समिति ने
भारत में गतिमान विभिन्न शारीरिक शिक्षा योजनाओ का अध्ययन किया तथा विभिन्न
शिक्षाशास्त्रियो के विचारो को सुना |अन्त में सन १९६३ में इस समिति ने सरकार को
अपनी रिपोर्ट पेश की जिसकी कुछ सिफारिशे इस प्रकार है –
1; पाठशाला स्तर पर शारीरिक शिक्षा के पाठ्य विषय सभी के लिये
अनिवार्य हो तथा कुछ ऐच्छिक कार्यक्रम विशेषज्ञो दारा बनाये जाये तथा ऐच्छिक
कार्यक्रमों ; जैसे – स्काउटीग; पर्वतारोहण ; छेल ; नत्य ; नाटक ; तथा संगीत आदि
विषयों में से अन्य का चयन विधार्थी स्वयं करे |
2; एक बार जब मिला –जुला
कार्यक्रम आरम्भ हो जाय तो ए. सी. सी., राष्ट्रीय अनुशासन योजनायें प्रथक रूप से
कार्यान्वित की जाये |
3; जो प्रशिक्षक प्रारम्भिक पुरानी योजनाओ पर कार्य कर रहे है, उनकी
सेवाए पुर्विकरण के उपरान्त इस कार्य को पूर्ण करने के लिये प्राप्त की जाये |
4; कालेज स्तर पर राष्ट्रीय केडिट कोर को मान्यता दी जाय |
5; स्काउटिग एव गलर्सा गाइड्स आदि परियोजनाओ को मान्यता दी जाय तथा
इन्हें स्वेच्छ से अपनाया जाय |
6; विधालय की प्रात: सभा का कार्यक्रम राष्ट्रीय गीत से आरम्भ हो |
7; प्रत्येक विधार्थी को राष्ट्रीय ध्वज चढ़ाना एव उतारना तथा उसे
सलामी देना भी आना चाहिये |
8; विधार्थियों में पैदल चलना तथा सैर की रूचि का विकास भी करना
चाहिये |
9; अन्तर विश्वविधालय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये छात्रो को
प्रेरित किया जाना चाहिये |